आज का इतिहास: 33 साल पहले एक एक्सपेरिमेंट ने बंद कर दिए थे 60 हजार कम्प्यूटर, NASA भी इसे समझ नहीं सका था

आज का इतिहास: 33 साल पहले एक एक्सपेरिमेंट ने बंद कर दिए थे 60 हजार कम्प्यूटर, NASA भी इसे समझ नहीं सका था

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11 मिनट पहले

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आज का इतिहास: 33 साल पहले एक एक्सपेरिमेंट ने बंद कर दिए थे 60 हजार कम्प्यूटर, NASA भी इसे समझ नहीं सका था

अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के एक स्टूडेंट थे रॉबर्ट मॉरिस। मॉरिस कॉर्नेल आने से पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुए थे और पूरी यूनिवर्सिटी में उनकी पहचान टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट के तौर पर थी। उन्हें कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम यूनिक्स में महारत हासिल थी।

कॉर्नेल आने के बाद मॉरिस एक ऐसे प्रोग्राम पर काम करने लगे जो एक कम्प्यूटर Worm की तरह इंटरनेट पर फैल सके। मॉरिस इसे एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर करना चाह रहे थे। उन्होंने अपना प्रोग्राम बनाया और पकड़ में न आने के लिए MIT के एक कम्प्यूटर को हैक किया। इस कम्प्यूटर के जरिए 2 नवंबर 1988 को मॉरिस ने अपना ये प्रोग्राम रिलीज कर दिया।

ये एक कम्प्यूटर Worm था, जो बिना किसी सॉफ्टवेयर के खुद से ही अपनी फोटोकॉपी कर कम्प्यूटर में फैल सकता था।

जैसे ही ये प्रोग्राम रिलीज हुआ इंटरनेट से जुड़े हुए कम्प्यूटर धीरे-धीरे काम करना बंद करने लगे। अमेरिकी एजेंसी FBI के पास एक के बाद एक लगातार कॉल्स आने लगे। अगले 24 घंटे में 6 हजार लोगों ने FBI के पास शिकायत की। NASA, हार्वर्ड, प्रिंसटन, जॉन हॉपकिन्स से लेकर अमेरिकी मिलिट्री के कम्प्यूटर्स ने भी काम करना बंद कर दिया।

इस फ्लॉपी में मॉरिस ने अपने प्रोग्रामिंग कोड सेव किए थे। फ्लॉपी को कैलिफोर्निया के कम्प्यूटर हिस्ट्री म्यूजियम में रखा गया है।

इस फ्लॉपी में मॉरिस ने अपने प्रोग्रामिंग कोड सेव किए थे। फ्लॉपी को कैलिफोर्निया के कम्प्यूटर हिस्ट्री म्यूजियम में रखा गया है।

जब मॉरिस ने देखा कि उनका प्रोग्राम तबाही मचा रहा है, तो उन्होंने अपने एक दोस्त को कॉल कर बताया कि ये प्रोग्राम उन्होंने ही बनाया है। मॉरिस के दोस्त ने अनजान बन न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्टर को कॉल कर बताया कि इस प्रोग्राम के पीछे RTM नाम का एक शख्स जिम्मेदार है। RTM यानी रॉबर्ट टप्पन मॉरिस, मॉरिज का पूरा नाम। साथ ही ये भी बताया कि पूरा प्रोग्राम एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर लॉन्च किया गया था और इसका मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था।

FBI ने मॉरिस को गिरफ्तार कर लिया और ट्रायल में वे दोषी पाए गए। हालांकि, उन्हें जेल नहीं भेजा गया, लेकिन उनपर फाइन लगाई गई और कहा गया कि वे 400 घंटे समाज सेवा करें।

2000: मणिपुर में आयरन लेडी का अनशन शुरू

2 नवंबर 2000 को इरोम चानु शर्मिला ने पैरामिलिट्री सैनिकों के हाथों मणिपुर के 10 लोगों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर एक्ट (AFSPA) को रद्द करने की मांग के साथ शर्मिला ने 26 जुलाई 2016 को अपना अनशन खत्म किया। तब तक उनके नाम दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके थे। पहला, सबसे लंबी भूख हड़ताल का और दूसरा, सबसे ज्यादा बार जेल से रिहा होने का।

16 साल के अनशन के बाद जब शर्मिला ने 2017 में मणिपुर में विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा, तो उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले।

16 साल के अनशन के बाद जब शर्मिला ने 2017 में मणिपुर में विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा, तो उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले।

1834: भारतीय मजदूरों को लेकर मॉरीशस पहुंचा था ‘एटलस’ जहाज

आज से 187 साल पहले एटलस नाम का जहाज 2 नवंबर 1834 को भारतीय मजदूरों को लेकर मॉरीशस पहुंचा था। इसकी याद में वहां 2 नवंबर अप्रवासी दिवस मनाया जाता है। मॉरीशस आज जो है, उसका बड़ा श्रेय वहां गए भारतीय मजदूरों को जाता है। उन्होंने अपनी मेहनत से इस देश को नई पहचान दी है। एटलस से जो मजदूर मॉरीशस पहुंचे थे, उनमें 80 प्रतिशत तक बिहार से थे। उन्हें गिरमिटिया मजदूर कहा जाता था यानी समझौते के आधार पर लाए गए मजदूर।

इन्हें लाने का उद्देश्य था मॉरीशस को एक कृषि प्रधान देश के रूप में विकसित करना। अंग्रेज 1834 से 1924 के बीच भारत के कई मजदूरों को मॉरीशस ले गए। मॉरीशस जाने वालों में सिर्फ मजदूर नहीं थे। ब्रिटिश कब्जे के बाद मॉरीशस में भारतीय हिंदू और मुस्लिम दोनों व्यापारियों का छोटा, लेकिन समृद्ध समुदाय भी था। यहां आने वाले अधिकांश व्यापारी गुजराती थे। 1803 से 1815 के दौरान हुए युद्धों में ब्रिटिश इस द्वीप पर कब्जा पाने में कामयाब हुए। भारतीय मूल के सर शिवसागर रामगुलाम की अगुआई में ही मॉरीशस को 1968 में आजादी मिली थी। राष्ट्रमंडल के तहत 1992 में यह गणतंत्र बना।

1936: BBC ने लॉन्च किया पहला TV चैनल

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन यानी BBC को कौन नहीं जानता? 2 नवंबर 1936 में BBC ने औपचारिक रूप से पहला TV चैनल लॉन्च किया था और वह दुनिया की पहली रेगुलर TV सर्विस थी। BBC की सर्विसेस इतनी लोकप्रिय हुई कि कई देशों ने इसे फॉलो किया। वैसे BBC की शुरुआत 1925 में एक प्राइवेट कंपनी के तौर पर हुई थी, लेकिन दो साल में ही यह एक पब्लिक कंपनी बन चुकी थी। भले ही BBC आज भी ब्रिटिश संसद के प्रति जवाबदेह हो, पर इसे पूरी आजादी मिली हुई है। ब्रिटिश शाही परिवार BBC ट्रस्ट के 12 सदस्यों को नियुक्त करता है और यह ट्रस्ट ही BBC के रोजमर्रा के कामकाज की निगरानी करता है।

बीबीसी का लंदन स्थित हेडक्वार्टर।

बीबीसी का लंदन स्थित हेडक्वार्टर।

2 नवंबर के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2008ः केन्द्र सरकार ने रिटायरमेंट के बाद पेंशन फंड से धन निकालने की सुविधा समाप्त की।

2007ः इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर खराब सोलर पंखों को ठीक करने के बाद डिस्कवरी के यात्री धरती पर सुरक्षित लौटे।

1999ः पाकिस्तान के इस्लामाबाद में संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिकी केन्द्रों पर अज्ञात लोगों ने रॉकेट से हमला किया।

1984ः अमेरिका में 1962 के बाद पहली बार एक महिला वेल्मा बारफिल्ड को फांसी की सजा दी गई।

1950ः जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का 97 साल की उम्र में निधन।

1914ः रूस ने तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

1835ः अमेरिका के मूल निवासियों के विभिन्न गुटों में फ्लोरिडा के ओसिओला में दूसरा सेमीनोले युद्ध शुरू हुआ। इसे फ्लोरिडा युद्ध भी कहते हैं।

1774: ब्रिटिश इंडिया के कमांडर-इन-चीफ रॉबर्ट क्लाइव ने इंग्लैंड में आत्महत्या की।

1534: सिखों के चौथे गुरु रामदास का जन्म।

खबरें और भी हैं…

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