आज का इतिहास: कोयले की वजह से लंदन पर छाया था ‘द ग्रेट स्मॉग’, 5 दिन में मारे गए थे 12 हजार से ज्यादा लोग

आज का इतिहास: कोयले की वजह से लंदन पर छाया था ‘द ग्रेट स्मॉग’, 5 दिन में मारे गए थे 12 हजार से ज्यादा लोग

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5 मिनट पहले

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आज का इतिहास: कोयले की वजह से लंदन पर छाया था ‘द ग्रेट स्मॉग’, 5 दिन में मारे गए थे 12 हजार से ज्यादा लोग

ठंड आते ही भारत में स्मॉग की चर्चा जोर पकड़ने लगती है, जिसके केंद्र में होता है दिल्ली। लेकिन 5 दिसंबर 1952 को लंदन में ऐसा भयानक स्मॉग छाया था, जिसने 12 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। ये स्मॉग कोई एक या दो दिन नहीं, बल्कि 5 दिन तक छाया रहा था।

हुआ ये था कि दिसंबर में ब्रिटेन में जबरदस्त ठंड पड़ती है। वहां सर्दियों के मौसम में अक्सर कोहरा छाया रहता था। 5 दिसंबर की सुबह भी कुछ ऐसी ही थी। जब लंदन के लोग सुबह सोकर उठे, तो बाहर घना अंधेरा था और चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ धुआं ही धुआं था। सबको लगा कि जैसा कोहरा रोज होता है, वैसा ही ये भी होगा।

दिसंबर 1952 में लंदन पर छाए द ग्रेट स्मॉग से गई थीं हजारों लोगों की जान

दिसंबर 1952 में लंदन पर छाए द ग्रेट स्मॉग से गई थीं हजारों लोगों की जान

मगर पूरा दिन बीत जाने के बाद भी धुआं छटा नहीं, बल्कि और गहरा होता गया। ये इतना गहरा था कि विजिबिलिटी 1 फीट से भी कम हो गई थी। लोग घबराने लगे थे। सांस लेने में तकलीफ भी होने लगी थी। 5 दिसंबर को लंदन पर छाया ये स्मॉग 9 दिसंबर को हटा था।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस स्मॉग की वजह से 5 दिन में ही 4 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। जबकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस स्मॉग में मरने वालों की संख्या 12 हजार से ज्यादा बताई गई थी। इस स्मॉग में 1.5 लाख से ज्यादा लोग बीमार पड़े थे।

अब इस खतरनाक स्मॉग के छाने का कारण भी जान लीजिए। होता ये था कि 13वीं सदी से ही लंदन में लोगों को कोयला जलाने की आदत पड़ गई थी। ऊपर से वहां की फैक्ट्रियों में भी कोयले का बहुत इस्तेमाल होता था। ऐसे में लोगों के घरों से और कारखानों से निकला धुआं ऊपर हवा में उठा। वहां पहले से ही धुंध की नमी थी। धुआं और नमी एक-दूसरे से मिले और स्मॉग बन गया।

सर्दी और धुंध की वजह से धुआं ऊपर उठा ही नहीं। वहीं जम गया। इस खतरनाक स्मॉग को “ग्रेट स्मॉग ऑफ लंदन” कहा जाता है। इस स्मॉग के बाद कानून बना, जिसमें घरों में कोयला जलाने पर रोक लगा दी गई। इसके साथ ही फैक्ट्रियों में भी कोयले की जगह ऐसे फ्यूल का इस्तेमाल करना जरूरी कर दिया, जिससे धुआं न निकले।

1958: शुरू हुई थी STD सर्विस, इसी से लंबी दूरी के कॉल होने लगे

टेलीकॉम की दुनिया में आज का दिन ऐतिहासिक है। 5 दिसंबर 1958 को इंग्लैंड के ब्रिस्टल में सब्सक्राइबर ट्रंक डायलिंग यानी STD की सर्विस शुरू हुई थी। पहली बार ये सर्विस ब्रिस्टल के 18 हजार लोगों के लिए शुरू हुई थी। इसी सर्विस की मदद से लंबी दूरी के कॉलिंग को मुमकीन बनाया था।

हालांकि, इंग्लैंड में इससे पहले भी STD कॉलिंग होती थी, लेकिन वो सिर्फ वहां की महारानी के लिए थी। भारत में STD की सर्विस 1960 में शुरू हुई थी। भारत में पहली बार लखनऊ और कानपुर के बीच STD के जरिए कॉलिंग हुई थी।

5 दिसंबर के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2016 : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हुआ।

2013 : नेल्सन मंडेला का निधन जोहान्सबर्ग में हुआ।

2003 : चीन में पहली बार आयोजित विश्व सुंदरी प्रतियोगिता में आयरलैंड की रोसन्ना दासनन विजयी हुई।

2001 : अमरीकी सेनाओं ने ओसामा बिन लादेन के अफगानिस्तान स्थित तोरा बोरा पहाड़ी ठिकाने पर कब्जा किया।

1999 : चेचेन्या में रूस ने अस्थायी तौर पर सेना तैनात करने की घोषणा की।

1989 : मुलायम सिंह यादव पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

1973 : गेराल्ड फोर्ड ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।

1971 : भारत ने बांग्लादेश को एक देश के रूप में मान्यता दी।

1969 : भारत की प्रसिद्ध महिला निशानेबाज अंजलि भागवत का जन्म हुआ।

1951 : प्रख्यात कलाकार तथा साहित्यकार अवनीन्द्रनाथ ठाकुर का निधन हुआ।

1950 : सिक्किम भारत का संरक्षित राज्य बना।

1950 : भारतीय लेखक अरबिंदो घोष का निधन हुआ।

1943 : जापानी हवाई जहाज ने कोलकाता पर बम गिराया।

1917 : रूस में नई क्रांतिकारी सरकार गठन तथा रूस-जर्मनी के बीच युद्ध विराम हुआ।

1657 : शाहजहां के छोटे बेटे मुराद ने खुद को बादशाह घोषित किया।

खबरें और भी हैं…

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