आज का इतिहास: इराक के ईरान पर हमले के साथ शुरू हुआ युद्ध लगातार 8 साल तक चला, केमिकल हथियारों ने ली हजारों मासूमों की जान

आज का इतिहास: इराक के ईरान पर हमले के साथ शुरू हुआ युद्ध लगातार 8 साल तक चला, केमिकल हथियारों ने ली हजारों मासूमों की जान

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5 मिनट पहले

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आज का इतिहास: इराक के ईरान पर हमले के साथ शुरू हुआ युद्ध लगातार 8 साल तक चला, केमिकल हथियारों ने ली हजारों मासूमों की जान

22 सितंबर 1980 को इराकी सेना ने पश्चिमी ईरान की सीमा में घुसपैठ कर उस पर हमला कर दिया था। इससे दोनों देशों के बीच युद्ध भड़क उठा, जो लगातार 8 साल तक चलता रहा। युद्ध में कितने लोग मारे गए, इसका बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है। माना जाता है कि 10 लाख से भी ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें से हजारों लोग केमिकल हथियारों के इस्तेमाल की वजह से मारे गए। आज तक युद्ध की शुरुआत के लिए दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं।

इराक और ईरान के बीच संबंध कभी अच्छे नहीं रहे। इराक ने हमले का तात्कालिक कारण शत अल-अरब नहर पर विवाद को बताया था। शत अल-अरब नहर ही दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारित करती है।

इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन का मानना था कि ईरान अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है इसलिए उस पर हमला करने का यही सही वक्त है, लेकिन सद्दाम हुसैन का ये अंदाजा युद्ध के शुरुआती दो साल में ही गलत साबित हुआ। उल्टे ईरानी सेना इराक के काफी अंदर तक घुस गई। इराक ने युद्धविराम की पेशकश की, जिसे ईरानी नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने ठुकरा दिया।

युद्ध के दौरान इराक ने केमिकल हथियारों का भी इस्तेमाल किया था। 16 मार्च 1988 को इराक ने हल्बजा पर मस्टर्ड गैस से हमला किया था। हल्बजा एक कुर्द बहुल शहर था। इस हमले में तत्काल करीब 5 हजार लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। सैकड़ों लोग केमिकल के साइड इफेक्ट की वजह से कई बीमारियों का शिकार हो गए।

केमिकल अटैक से बचने के लिए मास्क पहने ईरानी सैनिक।

केमिकल अटैक से बचने के लिए मास्क पहने ईरानी सैनिक।

हमलों में केमिकल हथियारों के इस्तेमाल की वजह से इराक की काफी आलोचना भी हुई। आखिरकार यूनाइटेड नेशंस, अमेरिका और सोवियत संघ के हस्तक्षेप के बाद दोनों देश युद्धविराम के लिए राजी हुए। जुलाई 1988 में युद्ध खत्म हुआ।

दोनों देशों को जान-माल का कितना नुकसान हुआ, यह तो सामने नहीं आ सका, लेकिन दोनों ही देशों में युवा पीढ़ी के हाथ में हथियार जरूर आ गए।

1791: माइकल फैराडे का जन्मदिन

इंग्लैंड में 1791 में आज ही के दिन माइकल फैराडे का जन्म हुआ था। उन्होंने फिजिक्स और केमिस्ट्री में जो सिद्धांत पेश किए, वह आज भी फैराडे लॉ के नाम से पढ़ाए जाते हैं। फैराडे ने ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म का कॉन्सेप्ट पेश किया। आज स्पीकर से लेकर इलेक्ट्रिक मोटर तक फैराडे के सिद्धांतों के आधार पर ही काम करते हैं।

फैराडे कोई रईस या बहुत पढ़े-लिखे परिवार से नहीं थे। बल्कि वे तो बुक बाइंडिंग का काम करते थे। चूंकि विज्ञान में रुचि थी, इसलिए रॉयल सोसायटी में वैज्ञानिकों के भाषण सुनने चले जाते थे। 1812 में उन्हें वैज्ञानिक हंफ्री डेवी का लेक्चर सुनने को मिला। लेक्चर सुनकर फैराडे ने उस पर टिप्पणी लिखी और हंफ्री को भेजी। फैराडे ने टिप्पणी इतनी बढ़िया लिखी थी कि हंफ्री ने फैराडे को अपना असिस्टेंट बना लिया।

ग्लास बनाने के लिए फैराडे द्वारा इस्तेमाल किए गए टूल्स लंदन के रॉयल इंस्टीट्यूशन में रखे हैं।

ग्लास बनाने के लिए फैराडे द्वारा इस्तेमाल किए गए टूल्स लंदन के रॉयल इंस्टीट्यूशन में रखे हैं।

फैराडे ने मैग्नेटिक फील्ड से बिजली का करंट बनाकर दिखाया। पहली इलेक्ट्रिक मोटर और डायनमो बनाया। इलेक्ट्रिसिटी और केमिकल बॉन्डिंग का संबंध समझाया। इतने बड़े फिजिसिस्ट होने के बाद भी फैराडे की पहली पहचान एक केमिस्ट के तौर पर थी। 1820 में फैराडे ने कार्बन और क्लोरीन का पहला कम्पाउंड बनाया। बेंजीन की व्याख्या की। रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन के लिए एक असाइनमेंट के दौरान टेलिस्कोप के लिए ऑप्टिकल ग्लास की क्वालिटी सुधारी, जो 1845 में उन्हें डायमैग्नेटिज्म की थ्योरी तक ले गया।

1994: लोकप्रिय अमेरिकी शो ‘फ्रेंड्स’ शुरू हुआ

‘फ्रेंड्स’ 1994 से 2004 तक नेशनल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (एनबीसी) नेटवर्क पर प्रसारित हुआ एक अमेरिकी टीवी सिटकॉम है, जिसकी एक समय पूरी दुनिया में युवाओं के बीच लोकप्रियता थी। इसने 6 एमी अवॉर्ड्स जीते, जिसमें एक कैटेगरी आउटस्टैंडिंग कॉमेडी सीरीज की थी।

नील्सन रेटिंग में यह शो लगातार टॉप 5 में रहा। ‘फ्रेंड्स’ 6 युवाओं की कहानी है, जो न्यूयॉर्क शहर के ग्रीनविच विलेज में एक-दूसरे के पड़ोसी या रूममेट्स थे। इस शो को डेविड क्रेन और मार्ता कॉफमैन ने बनाया था और इसका प्रसारण आज ही के दिन शुरू हुआ था। ‘फ्रेंड्स’ के फिनाले को 5.2 करोड़ लोगों ने देखा। अब भी यह शो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर देखा जाता है।

22 सितंबर के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है…

2011: योजना आयोग (अब नीति आयोग) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में शहरों में 965 रुपए और गावों में 781 रुपए प्रति महीना खर्च करने वाले व्यक्ति को गरीब मानने से इनकार किया।

2007: नासा के एयरक्राफ्ट ने मंगल ग्रह पर गुफाओं जैसी सात आकृतियों का पता लगाया।

2006: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के कंस्ट्रक्शन मिशन पर गया अटलांटिस स्पेस क्राफ्ट सकुशल अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर पर उतरा।

2002: फ्रांस ने आइवरी कोस्ट में अपनी सेना भेजी।

1992: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बोस्निया और हर्जेगोविना के बीच युद्ध में भूमिका के लिए यूगोस्लाविया को निष्कासित किया।

1988: कनाडा की सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान और कनाडा के नागरिकों की नजरबंदी के लिए माफी मांगी और मुआवजा देने का भी वादा किया।

1966ः अमेरिकी यान ‘सर्वेयर 2’ चंद्रमा की सतह से टकराया।

1961ः अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने शांति कोर की स्थापना के लिए कांग्रेस के कानून पर साइन किए।

1955ः ब्रिटेन में टेलीविजन का व्यवसायीकरण शुरू हुआ। इसमें प्रत्येक घंटे में सिर्फ छह मिनट ही विज्ञापन के प्रसारण की अनुमति दी गई। रविवार सुबह इसे चलाने की इजाजत नहीं थी।

1949ः तत्कालीन सोवियत रूस ने पहले परमाणु बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

1914ः मद्रास बंदरगाह पर जर्मन युद्धपोत इम्देन ने बमबारी की।

1903ः अमेरिकी नागरिक इटालो मार्चिनी को आइसक्रीम कोन के लिए पेटेंट दिया गया।

1888: नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी ने नेशनल जियोग्राफिक मैगजीन शुरू की। शुरुआत में यह अमेरिका तक ही सीमित थी, लेकिन धीरे-धीरे इसने दुनियाभर का कवरेज करना शुरू किया और यह दुनियाभर में लोकप्रिय हो गई। 1926 में इसका सर्कुलेशन 10 लाख कॉपी था और यह रंगीन तस्वीरें छापने वाली पहली मैगजीन थी।

1792ः फ्रांस गणराज्य की स्थापना की घोषणा हुई।

1789ः अमेरिकी कांग्रेस ने पोस्टमास्टर जनरल के कार्यालय को अधिकृत किया।

1539ः सिख संप्रदाय के पहले गुरु गुरुनानक देव का करतारपुर में निधन। उन्होंने ही ‘लंगर’ की प्रथा शुरू की थी।

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