असम सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी में: झगड़े से मिजोरम को चुनावी लाभ, असल विवाद बांग्लादेशी घुसपैठ, चुनावी राजनीति, अनेक परिवारों पर आजीविका का संकट
[ad_1]
- Hindi News
- National
- Electoral Benefits To Mizoram Due To Quarrel, Real Dispute Bangladeshi Infiltration, Electoral Politics, Livelihood Crisis For Many Families
असम/मिजोरम7 मिनट पहलेलेखक: प्रमोद कुमार
- कॉपी लिंक
बराक वैली में इसी जगह हुआ था असम-मिजोरम पुलिस के बीच विवाद।
भारत के पूर्वोत्तर के राज्य असम और मिजोरम। दोनों में एक ही पार्टी की सरकार। लेकिन इनकी सीमाओं पर भारत-पाक बॉर्डर जैसा तनाव है। पर्यटकों से गुलजार रहने वाली यहां की घाटियों में दहशत है। इन राज्यों का सीमा विवाद खूनी संघर्ष में बदलने से गांवों से पलायन हो रहा है। असम घाटी वाले दोलाखाल, कचूरथल, जुफाई, मैदिनी, फाईसेन जैसे क्षेत्रों में गुपचुप पक्की सड़कें बना रहा है। असम के लोगों की मानें तो मिजोरम ने 16 किमी में कथित कब्जा कर लिया है।
असम-मिजोरम संघर्ष में 6 पुलिस वालों की शहादत के बाद असम पुलिस उन लोगों को चिन्हित कर रही है, जो हमले में शामिल थे। इनकी जानकारी मिलते ही पुलिस मिजोरम सीमा में बड़ी कार्रवाई कर सकती है। असम-मिजोरम बॉर्डर के विधानसभा क्षेत्र धोलाई के विधायक और वन मंत्री परिमल शुक्ला वैद्य बंकर निर्माण और सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहते हैं, ‘इंटेलीजेंस काम कर रही है। जिन्होंने भी अपराध किया है, उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।’
उधर, मिजोरम ने राज्य में पुलिस तैनाती बढ़ा दी है। सरकारी प्रवक्ता कहती हैं कि अगर असम कार्रवाई करेगा, तो मुंहतोड़ जवाब देंगे। लोग भी राज्य सरकार के पक्ष में हैं। मिजोरम बॉर्डर पर तैनात पुलिस वाले कहते हैं कि डीसी झल्ली गमबूट पहनकर आईं और पुलिस के पास बड़ी मात्रा में गोला बारूद था। ये तो वो है, जो दिखाया जा रहा है। विवाद न सीमा का है, न अस्मिता का। असल विवाद बांग्लादेशी घुसपैठ और चुनावी राजनीति का है।
मिजोरम के रिटायर्ड फौजी छुआना बताते हैं, ‘4 लाख घुसपैठिए असम की बराक वैली के करीमगंज, कछार, हायलाकांडी जिले के जंगलों में बस गए हैं। ये लोगों के बीच घुसकर पथराव कर स्थिति बिगाड़ते हैं।’ सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए हजारिका कमीशन के अध्यक्ष उपमन्यु हजारिका ने कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है। हजारिका कहते हैं, ‘घुसपैठिए मिजोरम में अपराध करते हैं तो असमी बन जाते हैं और असम में क्राइम करते हैं तो मिजो।
कुछ साल पहले यहां असमी थे और आज पूरे क्षेत्र में मुस्लिम हैं। एनआरसी फेल है।’ गोलीबारी के प्रत्यक्षदर्शी तिलक कहते हैं कि असम पुलिस ने वैरिंटो चौकी से मिजोरम के सिपाहियों को थप्पड़ मारकर भगाया था। फिर दोनों राज्यों की पुलिस ने माइक लगाकर मुनादी करवाई और लोगों से घर से बाहर निकलकर पुलिस के साथ लड़ने की अपील की।
पुलिस ने कहा कि अपनी जमीन छुड़ाने के लिए लड़ने तैयार हो जाओ। असम कांग्रेस प्रवक्ता संजीव राॅय कहते हैं कि ये चुनावी खेल है। मिजोरम में 8 माह बाद चुनाव हैं। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि झगड़े का राजनीतिक फायदा मिजोरम को मिलेगा। वहां अब सत्तापक्ष मजबूत है, क्योंकि सीएम ने इसे मिजो अस्मिता से जोड़ दिया। वहीं, राजीनामा होने के बाद असम सरकार के भी पक्ष में माहौल है।
[ad_2]
Source link