अयोध्या में चुनावी खटखट: राममंदिर के लिए पत्थर तराशी की बंद पड़ी दो कार्यशालाओं में पत्थर कटाई की एक शुरू, महंत बोले यह राजनीतिक स्टंट

अयोध्या में चुनावी खटखट: राममंदिर के लिए पत्थर तराशी की बंद पड़ी दो कार्यशालाओं में पत्थर कटाई की एक शुरू, महंत बोले यह राजनीतिक स्टंट

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अयोध्या27 मिनट पहले

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1998 से बंद पत्थर कटाई की मशीन को पूजन कर इसे फिर से शुरू किया गया है । - Dainik Bhaskar

1998 से बंद पत्थर कटाई की मशीन को पूजन कर इसे फिर से शुरू किया गया है ।

विधानसभा चुनाव आहट होते ही अयोध्या में राम मंदिर के पत्थरों की तराशी की खटखट फिर शुरू होने जा रही है । इसके लिए सन 1998 से बंद पत्थर कटाई की मशीन को पूजन कर इसे फिर से शुरू किया गया है । अयोध्या के संत -महंत इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं ।

अयोध्या के रामघाट कार्यशाला में राममंदिर के लिए तराशे गए पत्थर (फाईल फोटो )

अयोध्या के रामघाट कार्यशाला में राममंदिर के लिए तराशे गए पत्थर (फाईल फोटो )

पत्थर कटाई की 2013 से बंद कार्यशाला को फिर से शुरू किया गया
बताते चलें कि श्रीरामजन्मभूमि न्यास ने अयोध्या के रामघाट पर मंदिर निर्माण कार्यशाला की स्थापना सन 1990 में शुरू की । उसके बाद यहां मंदिर निर्माण के लिए एक लाख घन फिट से ज्यादा पत्थरों की तराशी शुरू की गई । इस दौरान राजस्थान से आने वाले पत्थरों की कटाई के लिए रामसेवक पुरम में 1998 में एक और कार्यशाला शुरू की गई । यह कार्यशाला 2013 से बंद चल रही थी जिसे पूजन कर फिर से शुरू किया जा रहा है । इस कार्यशाला के सामने करीब 50,000 घनफिट पत्थर मौजूद हैं , जिनमें मात्र 10000 घनफिट पत्थर मंदिर निर्माण में प्रयोग होने के लायक माने जा रहे हैं ।

रामघाट की कार्य कार्यशाला में पत्थरों की नक्काशी 2016 से बंद जो चुनाव से पहले शुरू होगी

दूसरी ओर रामघाट की कार्य कार्यशाला में 1990 से चल रही पत्थरों की नक्काशी 2016 से बंद है । 20 16 के बाद यह कार्यशाला श्रद्धालुओं के दर्शन- पूजन के लिए तो खुली है ,और प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन -पूजन कर मंदिर निर्माण तैयारियों को देख रहे हैं । इस कार्यशाला को भी अगले कुछ महीनों में शुरू करने की तैयारी है ।

हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास

हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास

चुनाव के लिए विकास का सहारा लिया जाना चाहिए, भगवान का नहीं – महंत संजय दास

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव चुनाव है । अयोध्या के संतो -महंतों का कहना है कि यह सारी तैयारी चुनाव की है । अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी व हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास का कहना है कि चुनाव के लिए विकास का सहारा लिया जाना चाहिए, भगवान का नहीं । चुनाव को देखते हुए भाजपा के लिए उससे जुड़े संगठन मंदिर निर्माण को लेकर ज्यादा सक्रियता दिखा रहे हैं । जबकि होना यह चाहिए की प्रचार- प्रसार कम हो और भगवान ,का काम ज्यादा । महंत संजय दास ने कहा कि राम मंदिर का काम चल रहा है, यह बहुत अच्छा है , पर वह मीडिया में ज्यादा दिख रहा है । और चुनाव के पहले राम मंदिर का सहारा लिया जाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है ।

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