अमेरिका ने भी माना PM नरेंद्र मोदी का विजन, बना इंटरनेशनल सोलर अलायंस का हिस्सा
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पूरी दुनिया में सौर ऊर्जा की कम दरों में उपलब्धता के लिहाज से शुरू किए गए इंटरनेशनल सोलर अलायंस का अमेरिका भी हिस्सा बन गया है। इस अलायंस की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसिस ओलांद ने 2015 में पैरिस में हुए क्लाइमेट समित में की थी। अब अमेरिका के भी इस संगठन का हिस्सा बनने के बाद कुल सदस्य देशों की संख्या 101 हो गई है। ग्लासगो में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा के लिए आयोजित COP26 के दौरान बुधवार को अमेरिका ने इस संगठन में शामिल होने का ऐलान किया। इस दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि जॉन कैरी और भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव मौजूद थे।
अमेरिका के इस मुहिम में शामिल होने का स्वागत करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किए गए विजनरी प्रयोग का अब अमेरिका भी औपचारिक तौर पर हिस्सा बन गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 2015 में पेरिस में इसकी शुरुआत की थी। अब इंटरनेशनल सोलर अलायंस के कुल सदस्य देशों की संख्या बढ़ते हुए 101 हो गई है।’ उन्होंने कहा कि इससे इंटरनेशनल सोलर अलायंस को दुनिया भर में मजबूती मिलेगी और इस विश्व को वैकल्पिक ऊर्जा की दिशा में बढ़ने में मदद मिलेगी।
Happy that now USA is formally a part of International Solar Alliance, a visionary initiative launched by PM Shri @narendramodi Ji in 2015 at Paris COP. The number of countries who are now part of @isolaralliance is now 101. pic.twitter.com/p7D7ge6nl8
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) November 10, 2021
इंटरनेशनल सोलर अलायंस के तहत दुनिया भर में सौर ऊर्जा के उत्पादन में इजाफा करने के लिए 2030 तक 1,000 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है। इसकी तकनीक में निवेश के जरिए सौर ऊर्जा की लागत को कम करने का भी लक्ष्य इस अलायंस के तहत तय किया गया है। इस अलायंस में शामिल देशों में सोलर तकनीक से चलने वाले उपकरणों की संख्या में इजाफा करने का भी फैसला हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी की इस मुहिम के लिए दुनिया भर में तारीफ हुई थी और शुरुआत में ही 86 देशों ने इससे जुड़ने का फैसला लिया था। बीते 5 सालों में इस संख्या में और इजाफा हुआ है और अब तक कुल 101 देश इसके सदस्य बन चुके हैं।
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