अमेजन ने छिपाई जानकारी: कॉम्पिटिशन कमीशन ने अमेजन की फ्यूचर ग्रुप के साथ हुई डील को सस्पेंड किया, 200 करोड़ रु. का जुर्माना भी लगाया
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नई दिल्ली3 घंटे पहले
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कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने शुक्रवार को अमेजन की फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) के साथ 2019 में हुई डील को सस्पेंड कर दिया। रेगुलेटर अप्रूवल के दौरान जानकारी छिपाने पर अमेजन पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। CCI ने डील की नए सिरे से देखने के लिए भी कहा है।
फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FPCL) और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आरोप लगाया था कि अमेजन का FPCL में 49% हिस्सेदारी का मकसद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को इनडायरेक्ट रूप से कंट्रोल करना था। इन्हीं आरोपों को ध्यान में रखते हुए CCI ने अपना फैसला सुनाया है।
CCI ने 57 पन्नों के आदेश में कहा, ‘अमेजन ने डील के अपने असली मकसद को छिपाया और एग्रीमेंट के लिए झूठे और गलत बयान दिए, इसलिए डील की नए सिरे से देखना होगा।’
अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच विवाद कैसे शुरू हुआ?
साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन, 2020 में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल ने 24,713 करोड़ रुपए में खरीदने की घोषणा की। इसी के बाद से ये विवाद शुरू हुआ।
फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर का रुख किया था। अमेजन का कहना था कि रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ट्रिब्यूनल में ये मामला चल रहा है।
अमेजन-फ्यूचर डील के सस्पेंशन का रिलायंस को फायदा
अमेजन-फ्यूचर डील के सस्पेंड होने से रिलायंस रिटेल की फ्यूचर रिटेल के साथ हुई डील की मंजूरी की संभावनाएं बढ़ गई है। अगर आने वाले समय में रिलायंस की डील को मंजूरी मिल जाती है तो इससे रिलायंस को फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, वेयर हाउस और लॉजिस्टिक्स बिजनेस मिलेगा।
फ्यूचर ग्रुप के पास पहले से ही एक बड़ा कंज्यूमर बेस है। उसके पास बिग बाजार जैसा बड़ा ब्रांड हैं, जो राशन से लेकर कपड़ों तक बेचती है। ये रिलायंस की रिटेल सेक्टर की भविष्य की योजनाओं को आगे बढ़ाएगा।
कब-क्या हुआ?
2019
- अगस्त 2019: अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर कूपन की 7.3% हिस्सेदारी है। इस वजह से अमेजन को इनडायरेक्ट रूप से फ्यूचर रिटेल में 3.58% की स्टेक मिल गई।
2020
- 29 अगस्त: फ्यूचर रिटेल बोर्ड ने रिलायंस रिटेल के साथ डील को मंजूरी दी। बताया गया कि फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल 24,713 करोड़ रुपए में खरीदेगी।
- 9 अक्टूबर: फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर पहुंच गया।
- 25 अक्टूबर: सिंगापुर इमरजेंसी आर्बिट्रेटर (SIAC) ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील पर रोक लगा दी।
- 7 नवंबर: फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस-फ्यूचर डील में अमेजन का दखल रोकने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
- 20 नवंबर: रिलायंस रिटेल-फ्यूचर रिटेल डील को कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया की मंजूरी मिल गई।
- 21 दिसंबर: दिल्ली हाईकोर्ट की मुक्ता गुप्ता की सिंगल बेंच ने डील पर स्टे लगाने से मना कर दिया।
2021
- 6 जनवरी: अंतिम फैसला पारित करने के लिए SIAC ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया।
- 13 जनवरी: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अमेजन की याचिका पर फ्यूचर रिटेल को नोटिस जारी किया।
- 20 जनवरी: सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने रिलायंस-फ्यूचर रिटेल डील को मंजूरी दी।
- 2 फरवरी: दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फ्यूचर रिटेल-रिलायंस ग्रुप डील पर यथास्थिति का आदेश दिया।
- 3 फरवरी: फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली HC में 2-जजों की बेंच के समक्ष यथास्थिति के आदेश का विरोध किया।
- 8 फरवरी: दो जजों की बेंच ने फ्यूचर रिटेल-रिलायंस रिटेल डील पर सिंगल बेंच के यथास्थिति के आदेश को वापस लिया।
- 11 फरवरी: अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट के यथास्थिति हटाने के आदेशों को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
- 12 फरवरी: नेशनल लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने रिलायंस के साथ डील को मंजूरी देने के लिए शेयरहोल्डर मीटिंग बुलाने की फ्यूचर ग्रुप की याचिका पर सुनवाई की और आदेश सुरक्षित रखा।
- 22 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल को NCLT के पास दायर याचिका पर आगे बढ़ने की अनुमति दी। कोर्ट ने यथास्थिति की मांग वाली अमेजन की याचिका पर फ्यूचर रिटेल को नोटिस भी जारी किया।
- 18 मार्च: दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फाइनल ऑर्डर दिया और SIAC के आदेश को बरकरार रखते हुए फ्यूचर रिटेल-रिलायंस रिटेल डील पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा है कि फ्यूचर ग्रुप ने जानबूझकर SIAC के आदेश का उल्लंघन किया है। फ्यूचर ग्रुप के बियानी के एसेट अटैच करने को भी कहा गया। सिंगल बेंच का ऑर्डर SIAC की तरफ से 25 अक्टूबर 2020 को जारी आदेश को लागू कराने की अमेजन की अपील पर आया था।
- 18 मार्च: SC ने कहा कि वह अप्रैल के अंतिम सप्ताह में अमेजन की याचिका पर सुनवाई करेगा।
- 20 मार्च: फ्यूचर ग्रुप ने डील पर रोक लगाने और बियानी के एसेट अटैच करने के आदेश को चुनौती दी।
- 22 मार्च: दिल्ली HC ने बियानी के एसेट को अटैच करने के आदेश पर रोक लगाई।
- 19 मई: रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने NCLT का रुख किया, शेयरहोल्डर मीटिंग बुलाने की अनुमति मांगी।
- 22 जून: NCLT ने शेयरहोल्डिंग मीटिंग बुलाने की रिलायंस रिटेल की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा।
- 12-17 जुलाई: डील के खिलाफ अमेजन की याचिका पर SIAC की अंतिम सुनवाई।
- 20 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील पर रोक लगाने की अमेजन की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
- 29 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल की सेल पर रोक लगाने की अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
- 6 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया।
- 21 अक्टूबर: फ्यूचर रिटेल ने कहा कि SIAC ने RIL के साथ डील पर अंतरिम रोक हटाने की कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया।
- 17 दिसंबर: CCI ने अमेजन पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। 2019 की अमेजन-फ्यूचर डील को सस्पेंड किया।
2022
11 जनवरी: SIAC के फैसले पर रोक लगाने से मना करने के दिल्ली HC के आदेश के खिलाफ फ्यूचर ग्रुप की याचिका पर SC में सुनवाई होगी।
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