अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी को हटाया: पंजाब कांग्रेस प्रधान के करीबी दमनदीप ने संभाली कुर्सी, 2017 चुनाव में कैप्टन के कहने पर बस्सी ने सिद्धू के लिए छोड़ी थी सीट

अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी को हटाया: पंजाब कांग्रेस प्रधान के करीबी दमनदीप ने संभाली कुर्सी, 2017 चुनाव में कैप्टन के कहने पर बस्सी ने सिद्धू के लिए छोड़ी थी सीट

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अमृतसर15 घंटे पहले

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अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी को हटाया: पंजाब कांग्रेस प्रधान के करीबी दमनदीप ने संभाली कुर्सी, 2017 चुनाव में कैप्टन के कहने पर बस्सी ने सिद्धू के लिए छोड़ी थी सीट

कैप्टन अमरिंदर सिंह के जाते ही और नए CM चरणजीत सिंह चन्नी के कुर्सी संभालने के तीसरे ही दिन राजनीतिक पदों पर नई नियुक्तियां शुरू हो गई हैं। इसकी शुरुआत अमृतसर से CM चन्नी के दौरे के साथ ही हो गई। CM चन्नी ने कैप्टन की तरफ से नियुक्त किए गए दिनेश बस्सी को चेयरमैन पद से हटा दिया है। अब इस कुर्सी पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के खास और पार्षद दमनदीप सिंह उप्पल को चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। पंजाब में यह पहली राजनीतिक फेरबदल है। खास बात यह है कि बस्सी ने 2017 चुनावों में कैप्टन के कहने पर नवजोत सिंह सिद्धू के लिए सीट छोड़ी थी।

दमनदीप सिंह उप्पल को नवजोत सिंह सिद्धू का सबसे खास और करीबी माना जाता है। दमन ने कांग्रेस में अपनी शुरुआत युवा नेता के तौर पर की थी। उन्होंने कांग्रेस युवा मोर्चा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन तब ओपी सोनी के भतीजे विकास सोनी चुनाव जीत युवा कांग्रेस के प्रधान बन गए थे। इस बात से खफा दमनदीप सिंह ने कांग्रेस से किराना करना शुरु कर दिया। लेकिन तभी नवजोत सिंह सिद्धू की भाजपा में एंट्री हुई और तभी से उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू का दामन संभाला।

दमनदीप सिंह के नाम की घोषणा करते हुए CM चरणजीत सिंह चन्नी।

दमनदीप सिंह के नाम की घोषणा करते हुए CM चरणजीत सिंह चन्नी।

नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ही दोबारा कांग्रेस ज्वॉइन की
दमनदीप सिंह ने 2009 के बाद से कभी भी नवजोत सिंह सिद्धू का साथ नहीं छोड़ा। हर चुनाव में उनके साथ रहे। इतना ही नहीं सिद्धू जब भी चंडीगढ़ जाते, दमन उनके साथ ही दिखते। 2017 में जब नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस ज्वॉइन की तो दमन भी उनके साथ दोबारा कांग्रेस में आ गए। फिलहाल वह वार्ड नंबर 26 से पार्षद हैं।

टिकट छोड़ने का तोहफा मिला था दिनेश बस्सी को
बात 2017 चुनावों की है। विधानसभा चुनाव में दिनेश बस्सी पूर्वी विधानसभा हलके से कांग्रेस के बड़े दावेदार थे। उन्होंने टिकट के लिए अप्लाई भी किया हुआ था। तब सिद्धू कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद कैप्टन के आदेश पर दिनेश बस्सी ने अपना नाम वापस लेकर सिद्धू के लिए सीट छोड़ दी थी। बस्सी ने सिद्धू के लिए चुनाव प्रचार भी किया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सिद्धू ने बस्सी से दूरियां बना लीं। इतना ही नहीं निगम चुनाव में जब बस्सी ने चुनाव लड़ने के लिए अपने वार्ड से टिकट मांगा, तो सिद्धू ने इसका जमकर विरोध किया। उन्होंने बस्सी के स्थान पर अपने एक समर्थक को टिकट देने की मांग रखी। मुख्यमंत्री के ओएसडी कैप्टन संदीप सिंह और सिद्धू के बीच इस मामले को लेकर तल्खी भी हुई। कैप्टन अमरिंदर के दखल के बाद बस्सी एक बार फिर पीछे हट गए। कहा जाता है कि कैप्टन ने दिनेश बस्सी को उनकी बात मानने का तोहफा चेयरमैन की कुर्सी के तौर पर दिया था।

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