अफगान में तालिबान के कहर के बीच बोले US राष्ट्रपति जो बाइडेन- सेना वापस बुलाने का नहीं है मलाल

अफगान में तालिबान के कहर के बीच बोले US राष्ट्रपति जो बाइडेन- सेना वापस बुलाने का नहीं है मलाल

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अफगान में बढ़ते तालिबान के प्रभाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश के नेताओं से अपील की है कि वे अपने मुल्क के लिए लड़ें। मंगलवार को तालिबान ने ऐलान किया है कि अब देश के 65 फीसदी हिस्से पर उसका कब्जा है। देर शाम बगलान प्रांत की राजधानी पुल-ए-खुमरी पर भी तालिबान ने अपना नियंत्रण कर लिया। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से तालिबान के बढ़ते नियंत्रण के बीच यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उन्हें इस फैसले पर कोई मलाल नहीं है।

पुल-ए-खुमरी सातवीं प्रांतीय राजधानी है जिसपर एक हफ्ते के अंदर तालिबानियों ने कब्जा किया है। 

बाइडेन ने वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘अफगान नेताओं को एकसाथ आना होगा। उन्हें अपने लिए लड़ना होगा।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्हें अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का कोई मलाल नहीं है क्योंकि 20 साल से ज्यादा समय में वॉशिंगटन ने इसपर 10 खरब डॉलर से भी ज्यादा खर्च किए हैं और हजारों सैनिकों को खोया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान के सुरक्षाबलों को हवाई क्षेत्र में सहयोग, भोजन, उपकरण और वेतन मुहैया कराना जारी रखे हुए है।

उत्तरी अफगानिस्तान को सालों से सबसे शांति वाला क्षेत्र माना जाता रहा है क्योंकि यहां तालिबान की उपस्थिति बेहद कम है। हालांकि, अब तालिबान इस क्षेत्र में अपना कब्जा बढ़ाने की रणनीति अपना रहा है। 

नेशनल डिजास्टर अथॉरिटी के प्रमुख गुलाम बहाउद्दीन ने बताया कि अभी भी 25 से 34 प्रांतों में संघर्ष दजारी है और बीते दो महीने के अंदर 60 हजार परिवार विस्थापित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश ने काबुल में शरण ली है। 

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