अनुच्छेद 370 हटने के दो साल: कश्मीरी पंडित बोले- प्रशासन 50 हजार मंदिरों का जीर्णोद्धार करेगा, पर प्रार्थना करेगा कौन?

अनुच्छेद 370 हटने के दो साल: कश्मीरी पंडित बोले- प्रशासन 50 हजार मंदिरों का जीर्णोद्धार करेगा, पर प्रार्थना करेगा कौन?

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श्रीनगर18 मिनट पहलेलेखक: मुदस्सिर कुल्लू

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अनुच्छेद 370 हटने के दो साल: कश्मीरी पंडित बोले- प्रशासन 50 हजार मंदिरों का जीर्णोद्धार करेगा, पर प्रार्थना करेगा कौन?

निवेश की नींव पड़ी पर पंडितों की वापसी पर ठोस नीति नहीं बनी।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के दो साल पूरे हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही राज्य को मिला स्पेशल स्टेटस का दर्जा खत्म कर दिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। तब कहा गया था कि इससे राज्य में शांति और समृद्धि आएगी। साथ ही, घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी की राह आसान होगी। लेकिन कश्मीरी पंडितों का दावा है कि केंद्र सरकार घाटी में उनकी वापसी कराने में अब तक विफल रही है।

कश्मीरी पंडितों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला संगठन रिकॉन्सिलेशन रिटर्न एंड रिहैबिलिटेशन ऑफ माइग्रैंट्स के अध्यक्ष सतीश महालदार कहते हैं कि ‘सभी सरकारें कश्मीरी पंडितों को दोबारा घाटी में बसाने में विफल रही हैं। प्रशासन कश्मीर में 50 हजार मंदिरों के जीर्णोद्धार की बात करता है। वे मंदिर अब है ही कहां? जब पंडित यहां नहीं रहेंगे तो इन मंदिरों में प्रार्थना कौन जाकर करेगा? सरकार वर्षों से हुई कश्मीरी पंडितों, मुसलमानों या सिख्खों की हत्याओं की जांच कराने में विफल रही है। 5 अगस्त, 2019 को जो कहा गया था, वह अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है।

घाटी में पत्थरबाजी और हड़तालें थमीं, लेकिन हिंसा का अंत नहीं

कश्मीर में पत्थरबाजी और हड़ताल की घटनाओं में तो कमी आई है, लेकिन हिंसा थम नहीं रही है। 2020 में अलग-अलग मुठभेड़ों में 225 आतंकवादी मारे गए और 60 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। 2019 में 148 आतंकवादी मारे गए थे। इस साल जून तक 58 कश्मीरी युवक भी आतंकवाद में शामिल हुए, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है। इधर, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक कश्मीर क्षेत्र में पांच लाख रोजगार खत्म हो गए हैं। यहां की अर्थव्यवस्था को करीब 17,800 करोड़ रुपए का नुकसान लगा है।

रिक्त पदों को भरने के लिए त्वरित भर्ती समिति का गठन
प्रशासन ने 50 हजार युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। इस पर अधिकारियों का कहना है कि कोविड की वजह से प्रक्रिया में देर हुई है। 16,073 पदों को भरने के लिए त्वरित भर्ती समिति का गठन किया गया है।

कश्मीरी कला को वैश्विक पहचान दिलाने की कोशिश
केंद्र द्वारा हाल में मंजूर नई योजना में कश्मीर की कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रशासन कश्मीरी कालीन, नक्काशी,चिकरी शिल्प, फुलकारी आदि की जीआई टैगिंग पर काम कर रही है।

कोविड ने धीमी की रफ्तार, जल्द बड़ा बदलाव दिखेगा
नेशनल कांफ्रेंस के नासिर असलम वानी कहते हैं कि 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर पिछड़ गया है। वहीं, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंदर रैना का कहना है कि नए उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। रोजगार मिलेगा। जल्द बड़ा बदलाव दिखेगा।

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